हम भारत के महान क्रन्तिकारी स्वर्गीय श्री अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ जी को उनकी जयंती पर याद कर रहे हैं, उनके जन्मदिन पर आप सभी लोगों को हार्दिक बधाई।हम सभी को उनके देशभक्ति और क्रन्तिकारी विचारों को जानना और अपनाना चाहिए। कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे, आज़ाद ही हो लेंगे, या सर ही कटा देंगे। हटने के नहीं पीछे, डरकर कभी जुल्मों से, तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा देंगे। बेशस्त्र नहीं हैं हम, बल है हमें चरख़े का, चरख़े से ज़मीं को हम, ता चर्ख़ गुंजा देंगे। परवा नहीं कुछ दम की, ग़म की नहीं, मातम की, है जान हथेली पर, एक दम में गंवा देंगे। उफ़ तक भी जुबां से हम हरगिज़ न निकालेंगे, तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका देंगे। सीखा है नया हमने लड़ने का यह तरीका, चलवाओ गन मशीनें, हम सीना अड़ा देंगे। दिलवाओ हमें फांसी, ऐलान से कहते हैं, ख़ूं से ही हम शहीदों के, फ़ौज बना देंगे। मुसाफ़िर जो अंडमान के, तूने बनाए, ज़ालिम, आज़ाद ही होने पर, हम उनको बुला लेंगे। - अशफ़ाक़उल्ला ख़ां मानवता रक्षा & विकास समिति (MRVS)