#जलवायु परिवर्तन (Climate Change)
जलवायु
परिवर्तन (Climate Change) औसत मौसमी दशाओं के पैटर्न में ऐतिहासिक रूप से
बदलाव आने को कहते हैं। जलवायु की दशाओं में यह बदलाव प्राकृतिक भी हो
सकता है और मानव के क्रियाकलापों का परिणाम भी। हरित गृह प्रभाव (Green
House Effect )और वैश्विक तापन (Global Warming) को मनुष्य की क्रियाओं का
परिणाम माना जा रहा है जो औद्योगिक क्रांति के बाद मनुष्य द्वारा उद्योगों
से निःसृत कार्बोनडाई ऑक्साइड (Co2)आदि गैसों के वायुमण्डल में अधिक मात्रा
में बढ़ जाने का परिणाम है।
जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का मतलब मौसम में आने वाले व्यापक बदलाव से है। यह बदलाव ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में बेतहाशा वृद्धि के कारण हो रहा है। इसे ग्रीन हाउस इफेक्ट भी कहते हैं। ग्रीन हाउस इफेक्ट वह प्रक्रिया है जिसके तहत धरती का पर्यावरण सूर्य से हासिल होने वाली उर्जा के एक हिस्से को ग्रहण कर लेता है और इससे तापमान में इजाफा होता है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए मुख्य तौर पर कोयला, पेट्रोल और प्राकृतिक गैसों को जिम्मेदार माना जाता है। यह सभी वातावरण कार्बन डाईऑक्साइड (Co2)की मात्रा बढ़ा देते हैं।
जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का मतलब मौसम में आने वाले व्यापक बदलाव से है। यह बदलाव ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में बेतहाशा वृद्धि के कारण हो रहा है। इसे ग्रीन हाउस इफेक्ट भी कहते हैं। ग्रीन हाउस इफेक्ट वह प्रक्रिया है जिसके तहत धरती का पर्यावरण सूर्य से हासिल होने वाली उर्जा के एक हिस्से को ग्रहण कर लेता है और इससे तापमान में इजाफा होता है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए मुख्य तौर पर कोयला, पेट्रोल और प्राकृतिक गैसों को जिम्मेदार माना जाता है। यह सभी वातावरण कार्बन डाईऑक्साइड (Co2)की मात्रा बढ़ा देते हैं।
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