#आप सभी लोगों को दशहरा की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं
"आप सभी लोगों को दशहरा की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं"
हमारे इस शुभकामना भरे सन्देश में हमने किसी मूर्ति का उपयोग नही किया, क्योंकि हमारी विचारधारा में हम लोग किसी भी मूर्ति को नहीं पूजते.
हम मानते हैं कि राम और रावण दोनों हमारे भीतर मौजूद हैं किसी भी मूर्ति/मंदिर में हमारे बाहर नहीं है।क्योंकि राम और रावण का अर्थ सिर्फ अच्छाई और बुराई है,और विजयदश्मी का अर्थ सिर्फ अच्छाई की बुराई पर विजय है,इसलिए यदि हम वास्तव में दशहरा मनाना चाहते हैं तो लकड़ी/प्लास्टिक/कपड़े/पॉलिथीन पटाखों से बनी रावण की प्रतिमा को न जलाकर जिससे प्रदूषण भी होता है, इसलिए हम सभी को अपने अंदर छिपे रावण (बुराइयों) जैसे काम/क्रोध/लोभ/मोह/माया/ईर्ष्या/द्वेष/घमंड/आलस्य/निराशा/संशय/अतयारूढ़ि आदि को जलाकर/त्यागकर दशहरा/विजयदशमी मनानी चाहिए ।
आप सभी से भी प्रार्थना है की आपको भी अगर हमारी विचारधारा की ये पहल अच्छी लगे तो इसे जरूर अपनाएं अगर अच्छी न लगे तो कोई बात नहीं आप जैसे मर्जी अपने विचारों को मान सकते हैं , किन्तु आप सभी लोगो से ये प्रार्थना रहेगी की आप सभी भविष्य में इस ग्रुप में, या फिर किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर , या किसी भी कार्यकर्म में हमारे साथ किसी भी तरह की मूर्ति पूजा को किसी भी रूप में बढ़ावा न दें।
आइये "इस दशहरा/विजयदशमी को मूर्ति पूजा ना करके, और रावण की सिर्फ मूर्ति न जलाकर जिससे प्रदुषण भी होता है अपने खुद के अंदर छिपे रावण (बुराइओं) को जलाकर, दशहरा मनाने की एक नई पहल करें "
मानवता रक्षा और विकास समिति (MRVS)
हमारे इस शुभकामना भरे सन्देश में हमने किसी मूर्ति का उपयोग नही किया, क्योंकि हमारी विचारधारा में हम लोग किसी भी मूर्ति को नहीं पूजते.
हम मानते हैं कि राम और रावण दोनों हमारे भीतर मौजूद हैं किसी भी मूर्ति/मंदिर में हमारे बाहर नहीं है।क्योंकि राम और रावण का अर्थ सिर्फ अच्छाई और बुराई है,और विजयदश्मी का अर्थ सिर्फ अच्छाई की बुराई पर विजय है,इसलिए यदि हम वास्तव में दशहरा मनाना चाहते हैं तो लकड़ी/प्लास्टिक/कपड़े/पॉलिथीन पटाखों से बनी रावण की प्रतिमा को न जलाकर जिससे प्रदूषण भी होता है, इसलिए हम सभी को अपने अंदर छिपे रावण (बुराइयों) जैसे काम/क्रोध/लोभ/मोह/माया/ईर्ष्या/द्वेष/घमंड/आलस्य/निराशा/संशय/अतयारूढ़ि आदि को जलाकर/त्यागकर दशहरा/विजयदशमी मनानी चाहिए ।
आप सभी से भी प्रार्थना है की आपको भी अगर हमारी विचारधारा की ये पहल अच्छी लगे तो इसे जरूर अपनाएं अगर अच्छी न लगे तो कोई बात नहीं आप जैसे मर्जी अपने विचारों को मान सकते हैं , किन्तु आप सभी लोगो से ये प्रार्थना रहेगी की आप सभी भविष्य में इस ग्रुप में, या फिर किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर , या किसी भी कार्यकर्म में हमारे साथ किसी भी तरह की मूर्ति पूजा को किसी भी रूप में बढ़ावा न दें।
आइये "इस दशहरा/विजयदशमी को मूर्ति पूजा ना करके, और रावण की सिर्फ मूर्ति न जलाकर जिससे प्रदुषण भी होता है अपने खुद के अंदर छिपे रावण (बुराइओं) को जलाकर, दशहरा मनाने की एक नई पहल करें "
मानवता रक्षा और विकास समिति (MRVS)
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