#SayNoToMobLynching
#मोब लिंचिंग(भीड़ द्वारा हत्या)
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पिछले कुछ दिनों से भारत के किसी ना किसी हिस्से में बहुत लोगों को कुछ दूसरे लोगों की भीड़ द्वारा "जय श्री राम" ना बोलने की वजह से, और "गौ रक्षा " के नाम पर डराना/धमकाना/मारना/पीटना यहाँ तक कि कुछ केसेस में उस भीड़ द्वारा जान से मार देना भी चालू है, और यह गंभीर मुद्दा आज हममे से किसी से भी नहीं छिपा है, यहाँ तक की आज पूरी दुनिआ इसके बारे में जानती और बात करती है, कि अपनी विविधताओं की वजह से प्रसिद्द "भारत देश" में आज कल #मोब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या कर देना) जैसी गंभीर चीजें उभर रहीं हैं।
इस गंभीर मुद्दे पर कुछ दिनों पहले बॉलीवुड इंडस्ट्री के 49 लोगों लोगों ने हमारे प्रधान मंत्री माफ़ कीजिएगा प्रधान सेवक श्री नरेंद्र मोदी जी को एक खुला पत्र लिखा और अपनी चिंता जाहिर करते हुए मोब लिंचिंग को रोकने की मांग की, अब सरकार द्वारा मोब लिंचिंग को रोकने के लिए कुछ काम हुआ हो या ना हुआ कुछ महीने बाद हाल ही में उन 49 लोगों के खिलाफ FIR हुई और उन लोगों पर देश द्रोह का मुकदमा लगा दिआ गया।
अब आप लोग खुद तय करें की क्या जनता का या जनता में से कुछ लोगों का हमारे प्रधान मंत्री माफ़ कीजिएगा प्रधान सेवक या फिर किसी भी और बड़े/छोटे मंत्री से खुला पत्र लिखकर कोई सवाल करना, किसी मोब लिंचिंग जैसे गंभीर विषय पर अपनी चिंता जाहिर करना, या कोई सुझाव देना, कोई अपराध है ? वो भी इतना बड़ा अपराध की सरकार को ऐसे लोगों पर "देश द्रोह" का मुकदमा लगाना पड़ जाए?
नहीं, हम इसे कोई अपराध नहीं मानते, प्रधान मंत्री माफ़ कीजिएगा प्रधान सेवक हो या कोई भी और बड़ा/छोटा मंत्री हों ये सभी जनता के सेवक हैं, जनता द्वारा चुने गए हैं, जनता के लिए बने हैं, जनता की नौकरी पर हैं जिसके लिए इन सभी मंत्रिओं राष्ट्रपति से लेकर ग्राम प्रधान तक को बाकायदा तनख्वां (सैलरी) और बहुत सी और सुख सुविधाएँ मिलती हैं। लेकिन समस्या ये है कि सत्ता में आने के बाद ये लोग खुद को ,और जनता भी इन्हे जनता से ऊपर ,राजा , और भगवान् समझने लगते हैं, जो कि बहुत बड़ी गलती है.
चलो 1% मान लेते हैं कि देश में किसी भी तरह की मोब लिंचिंग नहीं हो रही है, फिर भी अगर उन 49 लोगों को ऐसा मह्सूस हुआ और उन्होंने सरकार से इस पर ध्यान देने , और अगर ऐसा कुछ हो रहा था/है तो इसे रोकने के लिए कुछ करने के लिए एक खुला पत्र लिखकर कहा तो हम इसे कोई अपराध वो भी देशद्रोह जैसा नहीं मानते, दुनिआ के सबसे बड़े लोकतंत्र में हर नागरिक को उसकी सरकार से सवाल पूछने, सुझाव देने, और गलत चीजों के खिलाफ आवाज उठाने का पूरा हक़ है।
आज इन 49 लोगों पर FIR करके देश द्रोह का मुकदमा लगाकर सरकार ने जनता को डराने /दबाने/आवाज ना उठाने/चुप चाप जो हो रहा है उसे झेलने का एक सन्देश दिआ है,जनता को साफ कर दिआ है कि अब इस देश में आवाज उठाने पर भी आपको देशद्रोह का मुकदमा लगाकर देशद्रोही घोषित किआ जा सकता है ,कल इन 49 लोगों की तरह हम पर भी आवाज उठाने की वजह से देश द्रोह का मुकदमा हो सकता है, खुद सोचो क्या ये सही है? क्या सरकार द्वारा ऐसा कृत्य दुनिआ की सबसे बड़े जनतंत्र में होना चाहिए ?
इसीलिए "चलो खड़े हो जाओ, बोलो ,और सामूहिक रूप से मोब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या करना) के खिलाफ , और 49 लोगों जिन्होंने इसके खिलाफ पत्र लिखकर आवाज उठाई उन पर देशद्रोह का मुकदमा लगाने के खिलाफ, और देश/समाज में हो रहे और गलत कामों के खिलाफ इन्हे खत्म करने के लिए आवाज उठाओ"
©मानवता रक्षा एवं विकास समिति (MRVS)
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पिछले कुछ दिनों से भारत के किसी ना किसी हिस्से में बहुत लोगों को कुछ दूसरे लोगों की भीड़ द्वारा "जय श्री राम" ना बोलने की वजह से, और "गौ रक्षा " के नाम पर डराना/धमकाना/मारना/पीटना यहाँ तक कि कुछ केसेस में उस भीड़ द्वारा जान से मार देना भी चालू है, और यह गंभीर मुद्दा आज हममे से किसी से भी नहीं छिपा है, यहाँ तक की आज पूरी दुनिआ इसके बारे में जानती और बात करती है, कि अपनी विविधताओं की वजह से प्रसिद्द "भारत देश" में आज कल #मोब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या कर देना) जैसी गंभीर चीजें उभर रहीं हैं।
इस गंभीर मुद्दे पर कुछ दिनों पहले बॉलीवुड इंडस्ट्री के 49 लोगों लोगों ने हमारे प्रधान मंत्री माफ़ कीजिएगा प्रधान सेवक श्री नरेंद्र मोदी जी को एक खुला पत्र लिखा और अपनी चिंता जाहिर करते हुए मोब लिंचिंग को रोकने की मांग की, अब सरकार द्वारा मोब लिंचिंग को रोकने के लिए कुछ काम हुआ हो या ना हुआ कुछ महीने बाद हाल ही में उन 49 लोगों के खिलाफ FIR हुई और उन लोगों पर देश द्रोह का मुकदमा लगा दिआ गया।
अब आप लोग खुद तय करें की क्या जनता का या जनता में से कुछ लोगों का हमारे प्रधान मंत्री माफ़ कीजिएगा प्रधान सेवक या फिर किसी भी और बड़े/छोटे मंत्री से खुला पत्र लिखकर कोई सवाल करना, किसी मोब लिंचिंग जैसे गंभीर विषय पर अपनी चिंता जाहिर करना, या कोई सुझाव देना, कोई अपराध है ? वो भी इतना बड़ा अपराध की सरकार को ऐसे लोगों पर "देश द्रोह" का मुकदमा लगाना पड़ जाए?
नहीं, हम इसे कोई अपराध नहीं मानते, प्रधान मंत्री माफ़ कीजिएगा प्रधान सेवक हो या कोई भी और बड़ा/छोटा मंत्री हों ये सभी जनता के सेवक हैं, जनता द्वारा चुने गए हैं, जनता के लिए बने हैं, जनता की नौकरी पर हैं जिसके लिए इन सभी मंत्रिओं राष्ट्रपति से लेकर ग्राम प्रधान तक को बाकायदा तनख्वां (सैलरी) और बहुत सी और सुख सुविधाएँ मिलती हैं। लेकिन समस्या ये है कि सत्ता में आने के बाद ये लोग खुद को ,और जनता भी इन्हे जनता से ऊपर ,राजा , और भगवान् समझने लगते हैं, जो कि बहुत बड़ी गलती है.
चलो 1% मान लेते हैं कि देश में किसी भी तरह की मोब लिंचिंग नहीं हो रही है, फिर भी अगर उन 49 लोगों को ऐसा मह्सूस हुआ और उन्होंने सरकार से इस पर ध्यान देने , और अगर ऐसा कुछ हो रहा था/है तो इसे रोकने के लिए कुछ करने के लिए एक खुला पत्र लिखकर कहा तो हम इसे कोई अपराध वो भी देशद्रोह जैसा नहीं मानते, दुनिआ के सबसे बड़े लोकतंत्र में हर नागरिक को उसकी सरकार से सवाल पूछने, सुझाव देने, और गलत चीजों के खिलाफ आवाज उठाने का पूरा हक़ है।
आज इन 49 लोगों पर FIR करके देश द्रोह का मुकदमा लगाकर सरकार ने जनता को डराने /दबाने/आवाज ना उठाने/चुप चाप जो हो रहा है उसे झेलने का एक सन्देश दिआ है,जनता को साफ कर दिआ है कि अब इस देश में आवाज उठाने पर भी आपको देशद्रोह का मुकदमा लगाकर देशद्रोही घोषित किआ जा सकता है ,कल इन 49 लोगों की तरह हम पर भी आवाज उठाने की वजह से देश द्रोह का मुकदमा हो सकता है, खुद सोचो क्या ये सही है? क्या सरकार द्वारा ऐसा कृत्य दुनिआ की सबसे बड़े जनतंत्र में होना चाहिए ?
इसीलिए "चलो खड़े हो जाओ, बोलो ,और सामूहिक रूप से मोब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या करना) के खिलाफ , और 49 लोगों जिन्होंने इसके खिलाफ पत्र लिखकर आवाज उठाई उन पर देशद्रोह का मुकदमा लगाने के खिलाफ, और देश/समाज में हो रहे और गलत कामों के खिलाफ इन्हे खत्म करने के लिए आवाज उठाओ"
©मानवता रक्षा एवं विकास समिति (MRVS)
Comments
Post a Comment