#PoorQualityEducationInIndia
क्या हम सभी मानते हैं कि भारत और इसके अधिकतम
स्कूल/कॉलेज/यूनिवर्सिटीज में अच्छी गुणवत्ता शिक्षा है ? केवल कुछ चुनिंदा
संस्थानों जैसे IIT , IIM , NIT ,AIIMS, DTU आदि को छोड़कर।
ऐसा क्यों है की इस तरह के उच्च संस्थानों से निकले विद्यार्थी बहुत अच्छा सैलरी पैकेज पाते, बड़ी बड़ी MNC कम्पनीज में अच्छी पोज़िशन्स पर काम करते हैं , और इंडस्ट्री में अपने टैलेंट और स्किल्स से खुद के भी बहुत अच्छे अच्छे स्टार्टअप्स और कम्पनीज खड़े करते हैं, और अच्छे लीडर्स के रूप में उभर कर आते हैं ?
जबकि वहीं दूसरी तरफ बाकि प्राइवेट और गवर्नमेंट संस्थानों से निकले बहुत से छात्रों को नौकरी तक मिलनी बहुत मुश्किल हो जाती है, और अगर मिलती भी है तो बहुत कम एवरेज सैलरी पर।
क्या ऐसा है कि देश भर में बाकि सभी विद्यार्थी अच्छे टैलेंटेड नहीं हैं? क्या वो ही उन्हें बड़ी बड़ी और महंगी महंगी डिग्रीज लेने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने या बहुत कम सैलरी पर मिलने के जिम्मेदार हैं ?
नहीं, बिलकुल वो भी जिम्मेदार हो सकते हैं, किन्तु मुख्य रूप से हमारा एजुकेशन सिस्टम और हमारे ज्यादातर संसथान जो हमे बहुत ही ख़राब गुणवत्ता शिक्षा दे रहे हैं जिम्मेदार हैं।
क्या जिस तरह की अच्छी गुणवत्ता शिक्षा इस तरह के उच्च शिक्षा संस्थानों में कुछ चुनिंदा और अच्छे टैलेंटेड विद्यार्थिओं को दी जाती है, वो देश भर के बाकि प्राइवेट/गवर्नमेंट छोटे बड़े संस्थानों में बाकि के टैलेंटेड/सामान्य विद्यार्थिओं को नहीं दी जा सकती ? ताकि और ज्यादा लीडर्स उभर कर आये।
किन्तु समस्या ये है कि यह अपंग एजुकेशन सिस्टम केवल हमे अक्षर का ज्ञान देकर साक्षर बना रहा है , और केवल नौकरशाही के लिए हमे केवल नौकर बना रहने के लिए तैयार कर रहा है, एक अच्छी शिक्षा न देकर हमे शिक्षित नहीं बनाया जा रहा है, और खुद हमारी सरकारे , बड़े बड़े उद्योग घराने , हमारा समाज, और हमारा परिवार भी हमें शिक्षा देकर हमे केवल नौकरी तक के काबिल ही बनाना चाहते हैं , क्योंकि अगर ज्यादा से ज्यादा लीडर्स उभरे तो ना तो इन उद्योगपतिओं की मोनोपोली रह जाएगी, न ही हमारी ये भ्रष्ट और नाकाम सरकारें, और न ही हमारे समाज में जाती/धर्म/संस्कृति के नाम पर चल रहे पाखंड और ढोंग।
इसीलिए "चलो खड़े हो जाओ, बोलो, और निडर होकर सामूहिक रूप से कहीं भी कभी भी देश में ख़राब गुणवत्ता शिक्षा के खिलाफ आवाज उठाओ और हर स्कूल/कॉलेज/यूनिवर्सिटी में एक अच्छी गुणवत्ता शिक्षा की मांग करो"
मानवता रक्षा एवं विकास समिति (MRVS)
समाज में बुराइओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एक सामाजिक संगठन
ऐसा क्यों है की इस तरह के उच्च संस्थानों से निकले विद्यार्थी बहुत अच्छा सैलरी पैकेज पाते, बड़ी बड़ी MNC कम्पनीज में अच्छी पोज़िशन्स पर काम करते हैं , और इंडस्ट्री में अपने टैलेंट और स्किल्स से खुद के भी बहुत अच्छे अच्छे स्टार्टअप्स और कम्पनीज खड़े करते हैं, और अच्छे लीडर्स के रूप में उभर कर आते हैं ?
जबकि वहीं दूसरी तरफ बाकि प्राइवेट और गवर्नमेंट संस्थानों से निकले बहुत से छात्रों को नौकरी तक मिलनी बहुत मुश्किल हो जाती है, और अगर मिलती भी है तो बहुत कम एवरेज सैलरी पर।
क्या ऐसा है कि देश भर में बाकि सभी विद्यार्थी अच्छे टैलेंटेड नहीं हैं? क्या वो ही उन्हें बड़ी बड़ी और महंगी महंगी डिग्रीज लेने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने या बहुत कम सैलरी पर मिलने के जिम्मेदार हैं ?
नहीं, बिलकुल वो भी जिम्मेदार हो सकते हैं, किन्तु मुख्य रूप से हमारा एजुकेशन सिस्टम और हमारे ज्यादातर संसथान जो हमे बहुत ही ख़राब गुणवत्ता शिक्षा दे रहे हैं जिम्मेदार हैं।
क्या जिस तरह की अच्छी गुणवत्ता शिक्षा इस तरह के उच्च शिक्षा संस्थानों में कुछ चुनिंदा और अच्छे टैलेंटेड विद्यार्थिओं को दी जाती है, वो देश भर के बाकि प्राइवेट/गवर्नमेंट छोटे बड़े संस्थानों में बाकि के टैलेंटेड/सामान्य विद्यार्थिओं को नहीं दी जा सकती ? ताकि और ज्यादा लीडर्स उभर कर आये।
किन्तु समस्या ये है कि यह अपंग एजुकेशन सिस्टम केवल हमे अक्षर का ज्ञान देकर साक्षर बना रहा है , और केवल नौकरशाही के लिए हमे केवल नौकर बना रहने के लिए तैयार कर रहा है, एक अच्छी शिक्षा न देकर हमे शिक्षित नहीं बनाया जा रहा है, और खुद हमारी सरकारे , बड़े बड़े उद्योग घराने , हमारा समाज, और हमारा परिवार भी हमें शिक्षा देकर हमे केवल नौकरी तक के काबिल ही बनाना चाहते हैं , क्योंकि अगर ज्यादा से ज्यादा लीडर्स उभरे तो ना तो इन उद्योगपतिओं की मोनोपोली रह जाएगी, न ही हमारी ये भ्रष्ट और नाकाम सरकारें, और न ही हमारे समाज में जाती/धर्म/संस्कृति के नाम पर चल रहे पाखंड और ढोंग।
इसीलिए "चलो खड़े हो जाओ, बोलो, और निडर होकर सामूहिक रूप से कहीं भी कभी भी देश में ख़राब गुणवत्ता शिक्षा के खिलाफ आवाज उठाओ और हर स्कूल/कॉलेज/यूनिवर्सिटी में एक अच्छी गुणवत्ता शिक्षा की मांग करो"
मानवता रक्षा एवं विकास समिति (MRVS)
समाज में बुराइओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एक सामाजिक संगठन
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