#IsStatueOfUnityWorth3000CroreJustified?
स्वर्गीय श्री सरदार वल्लभभाई पटेल जी की प्रतिमा "स्टेचू ऑफ़ यूनिटी", दुनिआ कि सबसे ऊंची प्रतिमा, जो की कुछ समय पहले भारत में मोदी/बीजेपी सरकार ने बनाई ,जिसको बनाने में लगभग 3000 करोड़ भारतीय रूपए खर्च हुए।
कभी खुद भी
स्वर्गीय श्री सरदार वल्लभभाई पटेल जीने ये नहीं सोचा होगा कि जिस देश कि आजादी के लिए वो लड़ रहे थे , जिस देश की गरीब जनता की लिए वो लड़ रहे थे , एक दिन वही देश और उसकी जनता देश/जनता का लगभग 3000 करोड़ रूपये केवल उनकी प्रतिमा बनाने में लगा देंगे।
"स्टेचू ऑफ़ यूनिटी" भारत के लिए गर्व की बात नहीं है, बल्कि दुःख की बात है, क्योकि जहाँ जिस देश में 300 बच्चे केवल अस्पताल में इसलिए मर जाते है की वहां ऑक्सीजन सिलिंडर्स की कमी थी, जहाँ 150 बच्चे अस्पताल में AES से मर जाते है क्योकि अस्पताल और डॉक्टर्स के पास उनकी बीमारी का इलाज नहीं था और जो पिछले कई दशकों से हो रहा है, जहाँ हजारो बच्चे हर साल कुपोषण की वजह से मर जाते है, जहाँ हजारो लोग हर साल भुखमरी से मर जाते है, जहाँ सैकड़ों लोग केवल बारिश की वजह से मर जाते है, और भी हजारों समस्याएं हैं जिन पर सरकार और समाज दोनों को काम करना चाहिए, लेकिन इन सभी समस्याओं को नजरअंदाज करके केवल एक मूर्ति बनाने में 3000 करोड़ रूपए खर्च कर देना सरासर देश/जनता के पैसे की बर्बादी है,क्योकि कोई भी राजनेता अपनी जेब से पैसा खर्चा नहीं करता है।
चलो "खड़े हो जाओ,बोलो,और सामूहिक रूप से मूर्तियों/मंदिरों /मस्जिदों/गुरुद्वारों के निर्माणों में देश/जनता के हजारो करोड़ रुपये की बर्बादी के खिलाफ आवाज उठाओ"
मानवता रक्षा & विकास समिति (MRVS)
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